hindi aur masti

  • Home
  • About
  • About
  • Archives
    Free Blogger Template Gallery Advertise on blogs

    Subscribe

    Posts
    Atom
    Posts
    Comments
    Atom
    Comments

    Poll

    पत्नी चालीसा

    Posted by Nirbhay Jain Thursday, March 19, 2009, under | 1 comments


    नमो-नमो पत्नी महारानी,
    तुम्हारी महिमा कोई ना जानी ... || 1 ||

    हमने समझा तुम अबला हो ,
    पर तुमतो सबसे बड़ी बाला हो ... || 2 ||

    जिस दिन हाथ में बेलन आवे ,
    उस दिन पति खूब चिल्लावे .... || 3 ||

    सारे बिस्तर पर पत्नी सोवे ,
    पति बैठ फर्श पर रोवे .... || 4 ||

    तुमसे ही घर मथुरा कासी ,
    और तुमसे ही घर सत्यानासी ... . || 5 ||

    पत्नी चालीसा जो नर गावे ,
    सब सुख छोड़ परम दुःख पावे .... || 6 ||


    One Response to "पत्नी चालीसा"

    1. Anonymous
      Says:
      July 16, 2009 at 2:45 AM

      aachhe patiyo ke liye hai kya?

    ← Newer Post Home

    Post (RSS) | Comments (RSS)

    Recent Post

    Recent Comments

    Labels

    • " एकसच्चाई " (1)
    • " टूटा ताजमहेल " (1)
    • अमृता जैन (2)
    • अमृता जैन (2)
    • अशोक गुप्ता (2)
    • एकसच्चाई { आवाज़ } (1)
    • गर्दू गाफिल (2)
    • गुडगाँव हरियाणा (1)
    • ठहाके (1)
    • डा. रामेश्वर प्रसाद गुप्त (2)
    • डॉ. लाहा (1)
    • दीपक जोशी (2)
    • पिंकी वालिया (1)
    • पूजा (1)
    • प्रमोद कुमार दिल्ली (2)
    • मनमीत (1)
    • ममता की कविता (5)
    • मेरी रचनाएँ (12)
    • रक्षा शुक्ला (1)
    • रश्मि की कलम से (1)
    • राहुल सिंह की रचना (3)
    • लोकेन्द्र पराशर के विमर्श (1)
    • वजाहत अली (2)
    • व्यंग (1)
    • शशि जयपुर (4)
    • समीर लाल 'समीर' (1)
    • साभार (11)
    • सुमित "सुजान" (1)

    Blog Stats

    Leave Your Message Here

    Advertise

    Followers

    Copyright © 2009 by hindi aur masti Theme DESIGNED by Camel Graph | Converted by Blogger Template Place