चुप्पी तोड़ बोला कसाब
क़बूल कर लिया अपना गुनाह
अब तो फांसी देदो जनाब
बहुत खेल लिया मौत का खेल
अब नहीं रहना मुझको जेल
ऊपर जाकर देना है खुदा को
अपने कर्मो का हिसाब
अब तो फांसी देदो जनाब
अब मुझसे सहन नहीं होती
ये रोज रोज की रिमांड
बार बार इस पूछताछ से
हो गया है दिमाग ख़राब
अब तो फांसी देदो जनाब
जो कुछ था सब बता दिया है
अब क्या है मेरे पास
बहुत हो गई मुकदमा बाजी
बंद करो ये मेरी किताब
अब तो फांसी देदो जनाब
क़बूल कर लिया अपना गुनाह
अब तो फांसी देदो जनाब
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