शायरी

Posted by Nirbhay Jain Saturday, March 21, 2009, under | 0 comments
आंसुओ को लाया मत करो,
दिल की बात बताया मत करो,
लोग मुठ्ठी मे नमक लिये फिरते है,
अपने जख्म किसी को दिखाया मत करो।


लम्हो मे जो कट जाए वो क्या जिंदगी,
ऑसुओ मे जो बह जाए वो क्या जिंदगी,
जिंदगी का फलसफां हि कुछ और है,
जो हर किसी को समझ आए वो क्या जिंदगी ।

सूरज पास न हो, किरने आसपास रहती है,
दोस्त पास हो ना हो, दोस्ती आसपास रहती है,
वैसे ही आप पास हो ना हो लेकिन,
आपकी यादें हमेशा हमारे पास रहती है.

सोचते थे हर मोड पर आप का इंतेज़ार करेंगे..
पर, पर, पर, पर, पर, पर, पर, पर, पर,
कम्भाकत सड़क ही सीधी निकली...

हम ने माँगा था साथ उनका,
वो जुदाई का गम दे गए,
हम यादो के सहारे जी लेते,
वो भुल जाने की कसम दे गए!

आपके दिल में बस्जयेंगे एस एम एस की तरह.,.,
दिल में बजेंगे रिंगटोन की तरह.,.,
दोस्ती कम नहीं होगी बैलेंस की तरह.,.,
सिर्फ आप बीजी ना रहना नेटवोर्क की तरह.....

खिड़की से देखा तो रस्ते पे कोई नहीं था,
खिड़की से देखा तो रस्ते पे कोई नहीं था,
रस्ते पे जा के देखा तो खिड़की पे कोई नहीं था...

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