गुनाह कर के सजा से डरते है

Posted by Nirbhay Jain Friday, September 11, 2009, under , | 1 comments

गुनाह कर के सजा से डरते है
ज़हर पीकर दवा से डरते है
हमे दुश्मनों के सितम का खौफ नही
हम तो प्यार की बेवफाई से डरते है.

ज़रूरत नही अल्फाज़ की
प्यार तो चीज़ है एहसास की
पास होते तो बात ही कुछ और थी
दूर से ख़बर है हमे आपकी हर साँस की.

जीते हर बाज़ी तो मशहूर हो गए
आपकी हसी मे हसे तो आसूं दूर हो गए
बस आप जैसे दोस्त की बदोलत हम
कांच से कोहिनूर हो गए.

वो आए उनकी याद आकर वफ़ा कर गई
उनसे मिलने की तमन्ना सुकून तबाह कर गई
आहट हुई सोचा असर दुआ कर गई
दरवाजा खुला तो देखा मज़ाक हमसे हवा कर गई.

यादो की कीमत वोह क्या जाने
जो ख़ुद ही यादों को मिटा दिया करते है
यादों का मतलब तो उनसे पूछो
जो यादों के सहारे ज़िन्दगी बिता दिया करते है

-पूजा, गुडगाँव हरियाणा

One Response to "गुनाह कर के सजा से डरते है"

  1. tulsibhai Says:

    " yadon ki kimat voh kya jaane , jo khud hi yadon ko mita diya karte hai "

    " bahut khub ...aapko badhai"

    ----- eksacchai { AAWAZ }

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