Posted by Nirbhay Jain
Thursday, September 10, 2009, under
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एक दिन एक कुत्ता जंगल मैं रास्ता भटक गया?
तभी उसाने देखा एक शेर उसकी तरफ़ आ रहा है?
कुत्ते की साँस रूख गई? "
आज तो काम तमाम मेरा!"
उसने सोचा?
फिर उसने सामने कुछ सूखी हड्डियाँ पड़ी देखि?
वोह आते हुए शेर की तरफ़ पीठ कर के बैठ गया और एक सूखी हड्डी को चूसने लगा और ज़ोर ज़ोर से बोलने लगा, "
वह!
शेर को खाने का मज़ा ही कुछ और है.
एक और मिल जाए तो पूरी दावत हो जायेगी!"
और उसने ज़ोर से डकार मारा.
इस बार शेर सोच में पड़ गया.
उसने सोचा "
ये कुत्ता तो शेर का शिकार करता है!
जान बचा करा भागो!"
और शेर वहां से जान बच्चा के भागा.
पेड़ पर बैठा एक बन्दर यह सब तमाशा देख रहा था.
उसने सोचा यह मौका अच्छा है शेर को साड़ी कहानी बता देता हूँ -
शेर से दोस्ती हो जायेगी और उससे ज़िन्दगी भर के लिए जान का खतरा दूर हो जाएगा?
वोह फटाफट शेर के पीछे भागा.
कुत्ते ने बन्दर को जाते हुए देख लिया और समझ गायकी कोई लोचा है.
उधर बन्दर ने शेर को सब बता दिया की कैसे कुत्ते ने उसे बेवकूफ बनाया है.
शेर ज़ोर से दहाडा, "
चल मेरे साथ अभी उसकी लीला ख़तम करता हूँ"
और बन्दर को अपनी पीठ पर बैठा कर शेर कुत्ते की तरफ़ लपका।
आप सोच सकते है की अब कुत्ते ने क्या किया होगा.........
नही ना.........................
चलो आगे देखते है.
कुत्ते ने शेर को आते देखा तो एक बार फिर उसकी तरफ़ पीठ करके बैठ गया और ज़ोर ज़ोर से बोलने लगा, "
इस बन्दर को भेजे के १ घंटा हो गया,
साला एक शेर फसा कर नही ला सका अभी तक!"
आपकी कहानी का गूढ़ अर्थ बहुत सुन्दर है, हाँ कुछ लेखन की त्रुटियाँ है, उन्हें सुधार दे तो अति उत्तम !