एक लड़की थी दीवानी सी

Posted by Nirbhay Jain Friday, September 25, 2009, under | 1 comments
एक लड़की थी दीवानी सी

मोबाइल लेकर चलती थी

नजरें झुका के

कुछ शरमा के



मोबाइल में जाने क्या देखा करती थी

कुछ करना था शायद उसको

पर जाने किस से डरती थी

जब भी मिलती थी मुझसे

येही पूछा करती थी




यह चालू कैसे होता है,
यह चालू कैसे होता है


और मैं सिर्फ़ येही कहता था
ये मोबाइल नही टीवी का रिमोट है

One Response to "एक लड़की थी दीवानी सी"

  1. अर्शिया Says:

    नटखट कविता।
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    दुर्गा पूजा एवं दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    ( Treasurer-S. T. )