चम्पतिया आ गयी, चम्पतिया

Posted by Nirbhay Jain Tuesday, August 25, 2009, under , | 2 comments
छोटी की घटना बड़ी हो गयी
मरी हुई एक बुढ़िया खड़ी हो गयी
उसे देखकर एक बूढा डर गया
थोडी देर बाद वो मर गया

लाश देखकर एक चिल्लाया
चम्पतिया आ गयी, चम्पतिया
मैंने पूछा ये चम्पतिया कौन है
वो बोला चम्पतिया को नही जानते
ये वही है जो कभी बिल्ली तो
कभी कुत्ता बन जाती है
कभी भूत बनकर लोगो को डराती है
अंधेरे का फायदा उठाकर
किसी को भी मार जाती है

मैं बोला ये क्या करते हो
क्यो इस बात से डरते हो
चम्पतिया का पता नही
ये तो कोरी बकबास है
एक बूढा जो निपट गया था
ये तो उसकी लाश है

One Response to "चम्पतिया आ गयी, चम्पतिया"

  1. Nirmla Kapila Says:

    गणपति पूजा बहुत पसंद आयी रचना भी अच्छी है मगर इसके साथ फोटो का तालमेल कुछ जचा नहीं बधाई