दोस्ती की बेजोड़ मिसाल हो तुम
न है कोई कमी लाज़बाब हो तुम
नही कोई ऐसा मेरे "दोस्त" जैसा
दोस्तों की एक अलग पहचान हो तुम
तुम से बात हो मुझे सुकून मिलता है
जाते हो कंही तो बेजान कर जाते हो तुम.
नही करता मन तुमसे दूर होने का एक पल
मजबूरियों से घिरी बहुत परेशान हो तुम
प्यार तो देखा है ज़माने का मैंने.
दोस्ती मैं मुहब्बत की एक अलग पहचान हो तुम
तुम्हारी दोस्ती ने ही एक बेजान को जानदार बनाया
गिरते हुए दोस्त को संभालना सिखाया.
नही चुका पाउँगा कभी दोस्ती का क़र्ज़
कितने प्यार से निभाया तुमने दोस्ती का फ़र्ज़.
गिरते हुए हालत मे मेरे मददगार हो तुम
दोस्ती क्या होती है इस बात से भी खबरदार हो तुम.
दोस्ती की बेजोड़ मिसाल हो तुम
Posted by Nirbhay Jain
Sunday, August 2, 2009, under
साभार
|
1 comments
badhiya hai........