कहते हैं तारे गाते हैं!
सन्नाटा वसुधा पर छाया,
नभ में हमने कान लगाया,
फिर भी अगणित कंठों का
यह राग नहीं हम सुन पाते हैं!
कहते हैं तारे गाते हैं!
स्वर्ग सुना करता यह गाना,
पृथिवी ने तो बस यह जाना,
अगणित ओस-कणों से
तारों के नीरव आँसू आते हैं!
कहते हैं तारे गाते हैं!
ऊपर देव तले मानवगण,
नभ में दोनों गायन-रोदन,
राग सदा ऊपर को उठता,
आँसू नीचे झर जाते हैं!
कहते हैं, तारे गाते हैं!
-हरिवंश राय बच्चन
One Response to "कहते हैं तारे गाते हैं!"
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mehek
Says:
bahut hi sunder rachana,padhwane ke liye aabhar
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श्यामल सुमन
Says:
खूबसूरत प्रस्तुति।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com -
ओम आर्य
Says:
khubsoorat khyaal hi
khubsurat rachana