तुम्हारा साथ मिल जाए तो सब दुःख भूल जाऊँगा ......
वो कहता था तुम्हें हर सूरत में अपना बनाऊंगा .....
न्योछावर खवाब करदूंगा तुम्हारे हर इशारे पर ....
कभी पीपल की छावं में कभी नदिया किनारे पर .....
मुझे तुमसे मोहब्बत है मैं लोगों को बताऊंगा ....
वो कहता था तुम्हें हर सूरत में अपना बनाऊंगा .....
मेरी ठंडी सी तन्हाई सुलगती रात जैसी हो .....
मुझे बस साथ ले जाओ भले बरात जैसी हो .....
तुम्हे सुर्ख जोड़े में मैं दुल्हन बना कर लाऊंगा ...
वो कहता था तुम्हें हर सूरत में अपना बनाऊंगा .....
मैं चहुँगा तुम्हें जाना ...उमंगो से उजालो तक
खुदी के चाह से लेकर हमारे सात जन्मों तक
मुझे तुमसे मोहब्बत है में लोगों को बताऊंगा .....
वो कहता था तुम्हें हर सूरत में अपना बनाऊंगा .....
तुम्हारा साथ मिल जाए .................
Posted by Nirbhay Jain
Saturday, July 18, 2009, under
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4
comments
One Response to "तुम्हारा साथ मिल जाए ................."
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संगीता पुरी
Says:
बहुत ही सुंदर रचना !!
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Udan Tashtari
Says:
बढ़िया है!
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MUMBAI TIGER मुम्बई टाईगर
Says:
आपका ब्लोग अच्छा लगा
आभार/शुभमगल
मुम्बई टाईगर
हे प्रभु यह तेरापन्थ
bahut hi sundar ......bhawanao ka adbhood prastutikaran..