दिल चाहता है आज फिर छोटी बच्ची बन जाऊं,
रोज़ सुबह छुट्टी के बहाने बनाऊ
और असेम्बली में आँखें खोल कर प्रयेर गाऊं....
वोह चुपके चुपके क्लास में टिफिन खोलू
और पकड़े जाने पर पेट -दर्द का झूठ बोलूं ...
दिन भर स्कूल में मस्ती मारूं
और बस में जूनियर्स पर रॉब झाडूं .....
वो हर दिन होमवर्क अधुरा रह जाए
और अगले दिन मेरी कॉपी घर पर रह जाए .....
हर रोज़ दोस्तों से रूठ जाऊं
और ज़िन्दगी भर साथ वाला तुम जैसा
एक साथी बनाऊ ......!!!!!!!
- शशि (शेडो ऑफ़ द मून) जयपुर
दिल चाहता है ..................
Posted by Nirbhay Jain
Friday, July 24, 2009, under
शशि जयपुर
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धन्यवाद !!!!