अब तो फांसी देदो जनाब

Posted by Nirbhay Jain Saturday, July 25, 2009, under | 0 comments
हां मैंने ही बरसाई मौत
चुप्पी तोड़ बोला कसाब
क़बूल कर लिया अपना गुनाह
अब तो फांसी देदो जनाब

बहुत खेल लिया मौत का खेल
अब नहीं रहना मुझको जेल
ऊपर जाकर देना है खुदा को
अपने कर्मो का हिसाब
अब तो फांसी देदो जनाब

अब मुझसे सहन नहीं होती
ये रोज रोज की रिमांड
बार बार इस पूछताछ से
हो गया है दिमाग ख़राब
अब तो फांसी देदो जनाब

जो कुछ था सब बता दिया है
अब क्या है मेरे पास

बहुत हो गई मुकदमा बाजी
बंद करो ये मेरी किताब
अब तो फांसी देदो जनाब

क़बूल कर लिया अपना गुनाह
अब तो फांसी देदो जनाब

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