फिर नज़र से ............

Posted by Nirbhay Jain Wednesday, July 22, 2009, under | 4 comments

फिर नज़र से पिला दिजीये!
होश मेरे उडा दिजीये...

छोडीये दुश्मनी की रज़िश
अब जरा मुस्कुरा दिजीये..

बात अफसाना बन जायेगी
इस कदर मत हवा दिजीये..

आइए खुल के मिलीए गले
सब तखल्लुक हटा दिजीये..

कब से मुस्ताके दिदार हूं
अब तो जलवा दिखा दिजीये॥

-जगजीत सिंह की 'आयना' से

One Response to "फिर नज़र से ............"

  1. विनोद कुमार पांडेय Says:

    nazar se gazal ko saja diya.
    aapne bejod rachana bana diya,

    fir nazar se...ko bahut bahut badhayi..sundar rachana..

  1. sada Says:

    बहुत ही बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

  1. ओम आर्य Says:

    खुबसूरत नज़्म

  1. नीरज गोस्वामी Says:

    वाह आनंद आ गया...आपका ब्लॉग सब से अलग और बहुत खूबसूरत है...बिलकुल एक जिंदादिल इंसान की तरह..अंग्रेजी में इसके लिए जो शब्द है " बबली".
    नीरज