मेरे टूटे हुए दिल को, सहारा कोन देगा
मेरी तूफ़ान में कश्ती, किनारा कोन देगा
यह केसे मोड़ पे लाइ हें, मुजको जिन्दिगानी
अधूरी सी लिखी गयी हँ, क्यूँ मेरी कहानी
हँ अब किस राह पे चलना, इशारा कोन देगा
मेरे टूटे हुए दिल को. सहारा कौन देगा
मैं हूँ और साथ मेरे, अब मेरी तन्हैया हैं
मेरी तकदीर से मुजको, मिली रुस्वयिया हैं
मेरी आँखों को खुशिओं का, नज़ारा कौन देगा
मेरे टूटे हुए दिल को, सहारा कौन देगा
One Response to "मेरे टूटे हुए दिल को, सहारा कौन देगा"