मेरी बर्बादी की दास्ताँ सुनाने से पहले
Posted by Nirbhay Jain
Monday, August 31, 2009, under
वजाहत अली
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2
comments
One Response to "मेरी बर्बादी की दास्ताँ सुनाने से पहले"
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Udan Tashtari
Says:
बढ़िया है..और ब्लॉग सुन्दर लग रहा है..सरवत जी से सहमत.
मैं पहली बार इस ब्लॉग पर आया हूँ. ब्लॉग की लिखत-पढ़त को गोली मरो, मैं तो सजावट देख कर स्तब्ध रह गया.मेरी हालत तो ऐसी हो गयी है की...'ऐसी सोभा बर्न न जाये.' कमाल की साज-सज्जा की है भाई. बधाई है बधाई.