मेरी तुमसे बस इतनी सी है इल्तेज़ा
हमेशा मुझे याद रखना
मेरे साथ जो पल बीते है तुम्हारे
कम से कम उन्हें तो यद् रखना
जो भी प्यार करते है आपको
उनमे मेरा नाम याद रखना
अगर मुश्किल हो याद करना
तो बस एक काम करना
बना लेना कोई और हमसाया
फ़िर उसे ही याद रखना
भूले से भी आजाये याद हमारी
तो ये समझना
की बड़ा मुश्किल है मुझे याद रखना
One Response to "मुझे याद रखना"
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Science Bloggers Association
Says:
Sundar bhaav.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI } -
खुशदीप सहगल
Says:
अपने लिए जिए तो क्या जिए,
तू जी ऐ दिल, ज़माने के लिए
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
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गुलाबी कोंपलें · चाँद, बादल और शाम